मेला फागण को चलो खाटु धाम, की बाट उडिके है,
म्हारो खाटु वालो श्याम, ओ मेलो फागण को,
ओ मेलो फागण को, ओ मेलो फागण को,
मेला फागण को चलो खाटु धाम,
मेला फागण को चलो खाटु धाम, की बाट दिखय,
म्हारो खाटु वालो श्याम, ओ मेलो फागण को……
रिंगस से निशान उठाके पैदल पैदल जा स्या,
मंदिर माहे धोक लगाकर, श्याम का दर्शन पा स्या,
हार के जो इस जग से आयो, गले लगा सी श्याम,
ओ मेलो……. ओ मेलो…….
ओ मेलो फागण को, ओ मेलो फागण को,
मेला फागण को चलो खाटु धाम, की बाट उडिके है,
बैठ्यो है दरबार लगाके मंद मंद मुस्कावे,
रूप सलोनो देख देख के भगता रो मन हर्षावे,
बैठ्यो है दरबार लगाके मंद मंद मुस्कावे,
रूप सलोनो देख देख के भगता रो मन हर्षावे,
श्याम धणी के संग विराजे…..
श्याम धणी के संग विराजे, म्हारो वीर बली हनुमान,
ओ मेलो……. ओ मेलो…….
ओ मेलो फागण को, ओ मेलो फागण को,
मेला फागण को चलो खाटु धाम, की बाट उडिके है,
म्हारो खाटु वालो श्याम, ओ मेलो फागण को,
ओ मेलो फागण को……..
फागण की रुत श्याम धणी संग, खूब धमाल मंचावा,
भर भर मुठी सांवरिया ने, रंग गुलाल लंगावा,
फागण की रुत श्याम धणी संग, खूब धमाल मंचावा,
भर भर मुठी सांवरिया ने, रंग गुलाल लंगावा,
होली खेलण थारे सागे…..
होली खेलण थारे सागे, आयो है ‘ युवान ‘
ओ मेलो……. ओ मेलो…….
ओ मेलो फागण को, ओ मेलो फागण को,
मेला फागण को चलो खाटु धाम, की बाट उडिके है,
म्हारो खाटु वालो श्याम, ओ मेलो फागण को,
ओ मेलो फागण को……..