तर्ज – मतलब की इस दुनिया से
खाटू में सज धज कर बैठा, सांवरिया सरकार, ओ सांवरे तेरा हो जाए दीदार, ओ साँवरे तेरा हो जाए दीदार ।।
हर ग्यारस बाबा तेरा, रूप निराला होता है, सच कहती हूँ रूप तुम्हारा, देखने वाला होता है, एक झलक जो तेरी पा ले, कर बैठे वो प्यार, ओ साँवरे तेरा हो जाए दीदार ।।
रूप तुम्हारा ऐसा बाबा, होश गँवा बैठे हैं हम, चाहत में तेरी सांवरिया, दिल जान लुटा बैठे हैं हम, हीरे मोती से तेरी बाबा, लूँ मैं नज़र उतार, ओ साँवरे तेरा हो जाए दीदार ।।
सजने का शौकीन ये अपने, भक्तों को भी सजाता है, अपने भक्तों के जीवन को, फूलों सा महकाता है, ‘बेबी हन्नी’ पर कृपा का, लुटा दिया भण्डार, ओ साँवरे तेरा हो जाए दीदार ।।
खाटू में सज धज कर बैठा, सांवरिया सरकार, ओ सांवरे तेरा हो जाए दीदार, ओ साँवरे तेरा हो जाए दीदार ।।