तर्ज – ये तो प्रेम की बात है उधो
तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे, सर हमारा झुका ही रहेगा, जब तलक तुम नहीं दोगे दर्शन, तेरे दर से नहीं सर उठेगा, तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे।
एक मुद्दत हुई हमको प्यारे
आस चरणों की तेरे लगाए, कभी होगी कृपा दृष्टी प्यारे, ये हृदय का कमल कब खिलेगा, तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारें,
सर हमारा झुका ही रहेगा।
लेके मन में बड़ी आस मैं भी, आज आया शरण में मैं तेरी, मांग होगी मेरी आज पूरी, मेरा दामन यही पर भरेगा, तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारें, सर हमारा झुका ही रहेगा।
मैं भिखारी हूँ और तुम हो दानी, लाज दोनों ही नामों की रखलो, गर मैं लौटूंगा खाली यहाँ से, ये जमाना तुम्हे क्या कहेगा, तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारें, सर हमारा झुका ही रहेगा।
प्रेम का आज प्याला पिला दो, अपनी सेवा में हमको लगा लो, पाके तेरे चरण का सहारा, तेरा सेवक भवर से तरेगा,तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारें, सर हमारा झुका ही रहेग।
तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे, सर हमारा झुका ही रहेगा, जब तलक तुम नहीं दोगे दर्शन, तेरे दर से नहीं सर उठेगा, तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे।