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श्याम भजन लिरिक्स

Raja kya hai teri mohan kyo itna aajmate ho,रजा क्या है तेरी मोहन, क्यूँ इतना आज़माते हो,shyam bhajan

रजा क्या है तेरी मोहन, क्यूँ इतना आज़माते हो,



तर्ज, सजा दो घर को

रजा क्या है तेरी मोहन, क्यूँ इतना आज़माते हो,
क्यूँ इतना आज़माते हो,
क्यूँ इतना आज़माते हो,
रजा क्या हैं तेरी मोहन,क्यूँ इतना आज़माते हो।


गुजरती क्या है यह सोचो, तुम्हारे बिन दीवाने पे, नज़र अंदाज ना करना, रहम दिल तुम कहाते हो, रजा क्या हैं तेरी मोहन, क्यूँ इतना आज़माते हो।

सितमगर ना बनो इतने, जुल्म इतना नहीं ढाओ, पुजारी प्रेम के होकर, पुजारी प्रेम के होकर, बहाने क्यों बनाते हो, रजा क्या हैं तेरी मोहन, क्यूँ इतना आज़माते हो।



ज़माने की हवाओं से, दुखी है आज ये सारे, अरज है दास ‘सांवर की, अरज है दास ‘सांवर की, झलक क्यों ना दिखाते हो, रजा क्या हैं तेरी मोहन, क्यूँ इतना आज़माते हो।

रजा क्या है तेरी मोहन, क्यूँ इतना आज़माते हो,
क्यूँ इतना आज़माते हो,
क्यूँ इतना आज़माते हो,
रजा क्या हैं तेरी मोहन,क्यूँ इतना आज़माते हो।

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