तर्ज, दीदी तेरा देवर दीवाना
कान्हा तुम मथुरा ना जाना। मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।
ओ बनवारी यह विनती हमारी। तुम्हें टेरती है यह मीरा बिचारी। ओ कान्हा आकर अमृत पिलाना।मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।
कान्हा तुम मथुरा ना जाना। मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।
ओ बनवारी यह विनती हमारी। तुम्हें टेरती है यह द्रोपदी बेचारी। ओ कान्हा आकर चीर बढ़ाना।मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।
कान्हा तुम मथुरा ना जाना। मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।
ओ बनवारी यह विनती हमारी। तुम्हें टेरती है यह नरसी बेचारे। कान्हा कर भात भरा ना। मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।
कान्हा तुम मथुरा ना जाना। मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।
ओ बनवारी यह विनती हमारी। तुम्हें टेरती है यह संगत बेचारी। ओ कान्हा आकर दर्स दिखाना।मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।
कान्हा तुम मथुरा ना जाना। मेरे श्याम मेरे दिल को ना दुखाना।