शहर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
नगर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
शहर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
नगर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से।
कोई फूल है बरसाए
कोई रंग है उड़ाए
कोई त्रिशूल धरे नाचे
कोई भंगिया पि के नाचे
हर मन में शिव बसाये
सब मस्ती में ही गायें।
उज्जैनी झूम रहा शिव तेरे नाम से
नगर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
शहर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
नगर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से।
कैलाश के राजा मेरे शम्भू अभिनाशी
माता मेरी पार्वती पर्वतों की रानी
कोई कहे डमरू वाले कोई कहे त्रिशूल धारी
करते मेरे आशुतोष नंदी की सवारी।
कैलाश के राजा मेरे शम्भू अभिनाशी
माता मेरी पार्वती पर्वतों की रानी
कोई कहे डमरू वाले कोई कहे त्रिशूल धारी
करते मेरे आशुतोष नंदी की सवारी।
सेहरा सजाया सर पे
भस्मी रमाये तन पे
ब्याहने चले है गौरा
बिष्नु के संग है ब्रम्हा
सभी देव मुस्कुराये
और हस्ते हुए गाये।
कैलाश भी झूम रहा शिव तेरे नाम से
नगर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
शहर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
नगर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से।
देवो के देव मेरे शम्भू त्रिपुरारी
माता मेरी पार्वती शिव जी की प्यारी
लाखो में जोड़ी ये तो ब्रम्हा ने बनाई
भूतों की टोली आज नाचते हैं आएं।
नंदी पे बैठे भोले
कर्णो में सर्प कुण्डल
बाघंबरी है आगे
भृंगी है संग है श्रृंगी
डमरू बजा है धुन में।
कशी भी झूम रहा शिव तेरे नाम से
नगर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
शहर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से
नगर मेरा झूम रहा शिव तेरे नाम से।