भोले की भक्ति करले बीती जाए उमारिया
चलो रे शिव धाम चलो कवरिया
जय जय शम्भू जय जय शम्भू।।
बैजनाथ धाम शिव का बड़ा ही निराला
बैठे है शंभू वाहा बनके कृपाला।।
गंगा जल भर के कावड़िया चलो रे
शिव को चड़ा कर निर्मल करो रे।।
भक्ति के मार्ग चलना प्राणी
छोड़ ना डगरिया
चलो रे शिव धाम चलो कावरिया।।
चलते चलते तक जय तो शिव को पुकारो
शिव ही रास्ता पार करेंगे
शिव के गुण गाओ
दर्शन देंगे शिव अपने शिवालए
बैठे है भोले बाबा अपने देवालय ।।
भटक ना मेरे मनवा तू माया की बज़ारिया
चलो रे शिव धाम चलो कावरिया
जय जय शम्भू जय जय शम्भू।।
द्वादश ज्योतिर लिंगो में ये पावन धाम है
दर्शन के अभिलाषी पाते शुभ परिणाम है।।
जोभी भक्ति करते उनके बनते सारे काम है
शंभू उनको अपनाकर देते शिव धाम है।।
ध्यान में शिव का दर्शन कर
चल शिव की नगरिया
चलो रे शिव धाम चलो कवरिया।।
भोले की भक्ति करले बीती जाए उमारिया
चलो रे शिव धाम चलो कवरिया।।