ज्योत जगी घर मेरे, मैं निहाल हो गया,
कमाल हो गया, माँ कमाल हो गया,
ज्योत जगी घर मेरे घरमे।
स्वर्गो से भी, सुंदर भक्तो,माँ का द्वारा लगता।
हर कोई माँ के, दर से भक्तो,ख़ाली झोलीयां भरता।
मैं भी झोली भरके, खुशहाल हो गया,
कमाल हो गया, माँ कमाल हो गया,,,
ज्योत जगी घर मेरे, निहाल हो गया,
कमाल हो गया, माँ कमाल हो गया,
मुझ पे कृपा, करने को खुद,चल महाँरानी आई।
ज्योत जगी है, घर में मेरे,माँ को अर्ज़ सुनाई।
*चुनरी लाल ओढ़ा के, लालो लाल हो गया,
कमाल हो गया, माँ कमाल हो गया,,,
ज्योत जगी घर मेरे निहाल हो गया,
कमाल हो गया, माँ कमाल हो गया,
बैठ के सन्मुख, भोली माँ के,दिल की बातें कर ली।
बिन मांगे ही, माँ के दर से,ख़ाली झोली भर ली।
मैं भी माँ की कृपा से, मालामाल हो गया,
कमाल हो गया, माँ कमाल हो गया,,,
ज्योत जगी घर मेरे निहाल हो गया,
कमाल हो गया, माँ कमाल हो गया।
ज्योत जगी घर मेरे, मैं निहाल हो गया,
कमाल हो गया, माँ कमाल हो गया,
ज्योत जगी घर मेरे घरमे।