डस गयो रे भंवर कालो नाग, राधा तोरी अंगुली में ।।
रंग महल सु उतरी राधीका, कर सोहला सिणघार, मु थने वरजु राधीका रे, बाग बगीचा मत जाय, राधा तोरी अंगुली में ।।डस गयो रे भंवर कालो नाग, राधा तोरी अंगुली में ।।
जब काले ने डंक लगाया, दूनों जहर चढ़ाय, याकुल व्याकुल भई राधीका, पड़ी धरण पर जाय, राधा तोरी अंगुली में ।।डस गयो रे भंवर कालो नाग, राधा तोरी अंगुली में ।।
जब काले ने डंक लगाया, दूनों जहर चढ़ाय, याकुल व्याकुल भई राधीका, पड़ी धरण पर जाय, राधा तोरी अंगुली में।डस गयो रे भंवर कालो नाग, राधा तोरी अंगुली में ।।
एक सखी तो जल भर लावे, दुजी वैद बुलाय, तीजी सखी तो करें वायरो, चोथी तो सेज बिछाय, राधा तोरी अंगुली में।।डस गयो रे भंवर कालो नाग, राधा तोरी अंगुली में ।।
श्रीकृष्ण को खबर पडी तो, दोडीयो जमना जाय, काली दे ने नाग नातीयो, फण फण नृत्य कराय, राधा तोरी अंगुली में ।।डस गयो रे भंवर कालो नाग, राधा तोरी अंगुली में ।।
वैद आय ने दवा पिलाई, दुनो जहर चढ़ाय, आयो रे द्वारिका वालो, ले गयो जहर उतार, राधा तोरी अंगुली में।डस गयो रे भंवर कालो नाग, राधा तोरी अंगुली में ।।
चन्द्र सखी मोहन रा मिलना, मिले न बारम्बार, आयो रे मथुरा वालो, लेगयो जहर उतार, राधा तोरी अंगुली में ।।डस गयो रे भंवर कालो नाग, राधा तोरी अंगुली में ।।