तर्ज – तू पागल प्रेमी आवारा
जिसने भी लगाया जयकारा, दुनिया से फिर ना वो हारा, तूने उसे थाम लिया रे, जिसने तेरा नाम लिया रे ।।
श्याम कृपा तुम ऐसी कर दो, खाटू में बस जाऊं, डेरा मेरा यहीं बसा दो, लौट के घर ना जाऊं, मैं तो राहों का बंजारा, फिरता हूँ मैं मारा मारा, तुने उसे थाम लिया रे, जिसने तेरा नाम लिया रे।।
जिसने भी ये नाम लिया है, वो प्रेमी कहलाया, गोद में लेकर तूने उसके, सर पर हाथ फिराया, जिसको था सबने दुत्कारा, बेचारा था ग़म का मारा, तुने उसे थाम लिया रे, जिसने तेरा नाम लिया रे ।।
श्याम की चौखट पाकर, जीवन में प्रकाश आएगा, विक्की के जीवन से फिर, अँधियारा मिट जाएगा, कान्हा चमकेगा बन तारा, बन जाएगा सबका प्यारा, तुने उसे थाम लिया रे, जिसने तेरा नाम लिया रे ।।
जिसने भी लगाया जयकारा, दुनिया से फिर ना वो हारा, तूने उसे थाम लिया रे, जिसने तेरा नाम लिया रे ।।