तर्ज – सारी दुनिया प्यारी
आओ माँ जगदम्बा, अब तेरे लाल पुकारे, चलता ये जीवन, मैया तेरे ही सहारे, आओ मां जगदम्बा,अब तेरे लाल पुकारे।
मरुधर की आंधी हो या, सागर का तूफा भारी, हम तक पहुँचने से पहले, तू हरती विपदा सारी, फिर क्यों डराते हमको, यूँ गम के अंधियारे, चलता ये जीवन, मैया तेरे ही सहारे, आओ मां जगदम्बा, अब तेरे लाल पुकारे।
बच्चो से क्यों रूठी मैया, कब तक ना बोलोगी, दया द्रष्टि के द्वार तुम्हारे, कब तक ना खोलोगी, बोले ‘टीटू’ मैया, तू ही जीवन सँवारे,चलता ये जीवन, मैया तेरे ही सहारे, आओ मां जगदम्बा, अब तेरे लाल पुकारे ।
आओ माँ जगदम्बा, अब तेरे लाल पुकारे, चलता ये जीवन, मैया तेरे ही सहारे, आओ मां जगदम्बा, अब तेरे लाल पुकारे।