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श्याम भजन लिरिक्स

Yaha banta nashiba sabhi ka,यहाँ बनता नसीबा सभी का,

यहाँ बनता नसीबा सभी का,

यहाँ बनता नसीबा सभी का,
जो भी आया यहाँ वो ही होके रहा बस यहीं का,
यहाँ बनता नसीबा सभी का…….



सारे जग से निराला ये दर है,
ऐसी चौखट है ये जहाँ भरता है दामन सभी का,
यहाँ बनता नसीबा सभी का…..



कैसी महिमा है कैसा है जादू,
जो भी इसका हुआ ये भी होके रहा बस उसी का,
यहाँ बनता नसीबा सभी का….



यहाँ रोते हुए जो भी आते,
वो ही ले जाते हैं एक खज़ाना यहाँ से ख़ुशी का,
यहाँ बनता नसीबा सभी का…..



मैंने जीवन में जो कुछ भी पाया,
वो ही इसका दिया ये ही कहना है इसके रवि का,
यहाँ बनता नसीबा सभी का……

यहाँ बनता नसीबा सभी का,
जो भी आया यहाँ वो ही होके रहा बस यहीं का,
यहाँ बनता नसीबा सभी का…….

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