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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Tum Swami darshan karne jao nandlal ke,तुम स्वामी दर्शन करने जाओ नंदलाल के। नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के,shiv bhajan

तुम स्वामी दर्शन करने जाओ नंदलाल के। नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

तर्ज,ये गोटे दार लहंगा

तुम स्वामी दर्शन करने जाओ नंदलाल के। नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

कहां छुपा लूं चंदा और कहां छुपा लूं गंगा। कहां छुपा लूं गंगा। कहां छुपा लूं बिच्छू ततैया, कहां छुपा लूं भुजंगा। रख लो यह अपनी मुंडमाला उतार के।नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

तुम स्वामी दर्शन करने जाओ नंदलाल के। नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

रख दो यह त्रिशूल और डमरु कहते हैं त्रिपुरारी। कहते हैं त्रिपुरारी। बाघ अंबर को छोड़कर पहनो लहंगा और तुम साड़ी। रख दो यह अपनी मृगछाला उतार के।नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

तुम स्वामी दर्शन करने जाओ नंदलाल के। नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

सब आई है बिन घुंघट के एक है घूंघट वाली। एक है घुंघट वाली। घूंघट पलटकर बैठे वामें बैठे हैं त्रिपुरारी। पकड़ी ना जाओ कहीं मर्दानी चाल से। नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

तुम स्वामी दर्शन करने जाओ नंदलाल के। नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

हाथ जोड़कर ब्रह्मा बोले सुन लो विनय हमारी।सुन लो विनय हमारी। गोपेश्वर के नाम से पूजे तुमको दुनिया सारीजो भी मनावे तुम्हे छूटे जंजाल से।नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

तुम स्वामी दर्शन करने जाओ नंदलाल के। नर से बन जाओ नारी घुंघटा निकाल के।

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