शिव भोला गजब का है गोला, बाघम्बर चोला, आया है नन्द द्वार पे, माता दर्श करा दे तेरे लाल के। माता बोली, नहीं में भोली, भर दू तेरी झोली, चला जा मेरे द्वार से, नहीं दर्शन होंगे मेरे लाल के।
देख के जोगी का रूप निराला, माताजी गबरा गई। सोया हुआ है मेरा कृष्ण कन्हैया, नींद गहरी आ गई। नाग काला, गले रुण्डमाला, पहने है मृगछाला। जटाधारी त्रिशूल कर भारी, छवि दरकारी । चलेगा कोई चाल रे, नहीं दर्शन होंगे मेरे लाल के।
बोला रे बोला जोगी सुन ले री माता, मुरली बजैया मेरा यार है।
में हु पुराना मेरा प्यार है पुराना, बरसो पुराना है मेरा प्यार है। अलख जगाई धूणी रमाई, थोड़ी भांग चढाई। नहीं जावु यही मर जावु, कान्हा के गुण गावु । तुम देखना कमाल रे,
माता दरस दिखा दे तेरे लाल के ।
कृष्ण कन्हैया के दर्शन पाकर, भोले बाबा हर्षा गये। देख के जोगी का रूप निराला
कृष्ण कन्हैया मुस्का गये।मित्र मंडल जपे निरंतर,नाम तेरा शिव शंकर पार लगाना।
नैया भव पार लगाना, बैजू को दर्शन दिखाना। सुन भक्तो की अरदास रे, मैया दरश करा दे तेरे लाल के ।
शिव भोला गजब का है गोला, बाघम्बर चोला, आया है नन्द द्वार पे, माता दर्श करा दे तेरे लाल के। माता बोली, नहीं में भोली, भर दू तेरी झोली, चला जा मेरे द्वार से, नहीं दर्शन होंगे मेरे लाल के।