राजा राम आइये प्रभू राम आइये,
मेरे भोजन का भोग लगाइये……..
आचमनी अर्घा आरती यहाँ यही मेहमानी,
रुखी रोटी पाओ प्रेम से पियो नदी का पानी,
राजा राम आइये प्रभू राम आइये,
मेरे भोजन को भोग लगाइये……
भूल करोगे यदि तज दोगे भोजन रुखी सुखे,
एकादशी आज मन्दिर में बैठे रहोगे भूखे,
हो राजा राम आइये प्रभू राम आइये,
मेरे भोजन को भोग लगाइये….
राजा राम आइये प्रभू राम आइये,
मेरे भोजन का भोग लगाइये……..