हार गया हूँ मैं खाटू वाले, तू आके मुझको थाम ले, हारे का तू ही तो है एक सहारा, मुझको तू अपना बना ले, चौखट पे तेरी झुकता रहे सर, गर मौत आये तो आये तेरे दर पर, हार गया हूँ मैं खाटु वाले, तू आके मुझको थाम ले ।।
कैसे सहुँ बाबा, इस दुनिया के धोखे मैं, है लाज मेरी बाबा, बस तेरे ही चरणों में, मोरछड़ी जो तू लहरा दे, तर जाए मेरा सारा जीवन, हार गया हूँ मैं खाटु वाले, तू आके मुझको थाम ले, हारे का तू ही तो है एक सहारा, मुझको तू अपना बना ले।।
मेरे मन के मंदिर में, तेरी मूरत बस जाए, हर और मेरे बाबा, तू ही तू नज़र आये, करता रहूं मैं सुमिरन तेरा, बाबा मेरे लखदातारी, हार गया हूँ मैं खाटु वाले, तू आके मुझको थाम ले, हारे का तू ही तो है एक सहारा, मुझको तू अपना बना ले।।
हे शीश के दानी तुम, ही हो अभिमान मेरे, ऐ श्याम धणी तुम ही, सच्ची सरकार मेरे,दास ‘निराला’ का पूरा ये जीवन, श्याम तेरे ही नाम को अर्पण, हार गया हूँ मैं खाटु वाले, तू आके मुझको थाम ले, हारे का तू ही तो है एक सहारा, मुझको तू अपना बना ले।।
हार गया हूँ मैं खाटू वाले, तू आके मुझको थाम ले, हारे का तू ही तो है एक सहारा, मुझको तू अपना बना ले, चौखट पे तेरी झुकता रहे सर, गर मौत आये तो आये तेरे दर पर, हार गया हूँ मैं खाटु वाले, तू आके मुझको थाम ले ।।