तर्ज सारी दुनिया प्यारी
आजा बाबा आजा, माता का वचन निभा जा, हारा हूँ मैं बाबा, अब हारा हूँ मैं बाबा।।
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देखे मैं तो हूँ सांवरिया,अपना अपना कहने वाले, झूठे है सब साथी, ठोकर खाकर भी मुझको ये, बात समझ ना आती, एक तू ही सच्चा साथी, बाबा रे धीर बंधा जा, हारा हूँ मैं बाबा, अब हारा हूँ मैं बाबा।।
झूठे है सब साथी, ठोकर खाकर भी मुझको ये, बात समझ ना आती, एक तू ही सच्चा साथी, बाबा रे धीर बंधा जा, हारा हूँ मैं बाबा, अब हारा हूँ मैं बाबा।
धन दौलत तो देता तू ही, भाव ही लेने आजा, पार मेरे ना भोग हज़ारों, रुखा सूखा खा जा, छोड़ के सेठों का घर, मेरी कुटिया में भी आजा, हारा हूँ मैं बाबा, अब हारा हूँ मैं बाबा।
लाखों नहीं करोडो की है, तूने बिगड़ी सँवारी, जानता हूँ मैं अब आएगी, ‘हेमंत’ की भी बारी, असुवन से भरे ये नैना, नैनो से नैन मिला जा, हारा हूँ मैं बाबा, अब हारा हूँ मैं बाबा।।
आजा बाबा आजा, माता का वचन निभा जा, हारा हूँ मैं बाबा, अब हारा हूँ मैं बाबा ।।