तर्ज – बना के क्यों बिगाड़ा रे
तुम्हारे ही सहारे है, सहारे मेरी नैया, मेरे माझी खाटू वाले, मेरे माझी खाटू वाले ॥
ग़म के थपेड़े खाते खाते, हार गया मैं मनमोहन, डूब ना जाऊं होते तेरे, व्याकुल है ये मेरा मन, नैया है टूटी किस्मत है रूठी, मत रूठो तुम कन्हैया, मेरे माझी खाटू वाले, मेरे माझी खाटू वाले ।।
तुम्हारे ही सहारे है, सहारे मेरी नैया, मेरे माझी खाटू वाले, मेरे माझी खाटू वाले ॥
बनकर माझी ना जाने कब, तुम आओगे पास मेरे, देख ज़माना हंसी करेगा, हारे गर जो दास तेरे, हाथ बढ़ा के हाथ पकड़ ले, तू मेरा कन्हैया, मेरे माझी खाटू वाले, मेरे माझी खाटू वाले ॥
तुम्हारे ही सहारे है, सहारे मेरी नैया, मेरे माझी खाटू वाले, मेरे माझी खाटू वाले ॥
दुखियों के दुःख तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा बतलाओ, देख दशा अपने बच्चों की, थोड़ी करुणा बरसाओ, ‘स्नेह’ ने जीवन तुमको ये अर्पण, किया है ओ कन्हैया, मेरे माझी खाटू वाले, मेरे माझी खाटू वाले ।।
तुम्हारे ही सहारे है, सहारे मेरी नैया, मेरे माझी खाटू वाले, मेरे माझी खाटू वाले ॥