तर्ज – तेरे नाम हमने किया है
बाबा मेरे हार गया हूँ, अब आकर सम्भालो मुझे, दर पे तेरे ठहरा हुआ हूँ, अब दो तुम सहारा मुझे।
दुःख में सबने साथ हमारा छोड़ा है, जग से मोह छुड़ा कर तुझसे जोड़ा है, तेरे बिना तेरे बिना, तेरे बिना कौन है हमारा, हारे का सहारा मेरे श्याम।
मेरे अपनों ने भी मुझको छोड़ दिया, ढोंग बताकर नाता मुझसे तोड़ लिया,
मैंने तुझे मैंने तुझे, मैंने तुझे रोते रोते,
रातों में पुकारा मेरे श्याम।
बाबा एक ही अर्जी करना चाहता हूँ, तेरे चरणों में मैं मरना चाहता हूँ, खाटू हो वो खाटू हो वो, खाटू हो वो जब छोडूं वो प्राण मेरे।
मैं रोता दुनिया मुझ पर हंसती थी, जान मेरी मेरे परिवार में बसती थी, खुश है मगर खुश है मगर, खुश है मगर ‘हर्ष’ ओ बाबा, पाके तेरा सहारा मेरे श्याम।
बाबा मेरे हार गया हूँ, अब आकर सम्भालो मुझे, दर पे तेरे ठहरा हुआ हूँ, अब दो तुम सहारा मुझे।