तर्ज,मेरे रश्के कमर
जब अयोध्या में जन्म, लिया राम ने।
दोहा – राम नाम आधार जगत में, राम नाम संसार जगत में, राम को जानो राम को मानो, राम नाम करतार जगत में।
राजा दशरथ कौशल्या, के घर में ख़ुशी, जब अयोध्या में जन्म,लिया राम ने, चैत्र महीने की वो थी, सुहानी घडी, चैत्र नवमी को जन्म, लिया राम ने,राजा दशरथ कौशल्या,के घर में ख़ुशी, जब अयोध्या मे जन्म,लिया राम ने।
चार बेटे हुए राम भरत और लखन, सबसे छोटे है भाई वो शत्रुघन, तीनो रानी के पुत्र वो चार थे, तीनों माँ को निभाया श्री राम ने, राजा दशरथ कौशल्या, के घर में ख़ुशी, जब अयोध्या मे जन्म, लिया राम ने।
राज्याभिषेक राम की तैयारी है, दो वचन एक राजा पे वो भारी है, अपने माँ बाप के वो वचन के लिए, फर्ज अपना निभाया श्री राम ने, राजा दशरथ कौशल्या, के घर में ख़ुशी, जब अयोध्या मे जन्म, लिया राम ने।
राम सुमिरन करो दिनेश बिवाल’ कहे, जल में पत्थर तीरे राम के नाम से, मैं हूँ ‘इंदौरी लख्खा’ परखता है क्या, मुझको गोहर बनाया श्री राम ने, राजा दशरथ कौशल्या, के घर में ख़ुशी, जब अयोध्या मे जन्म, लिया राम ने।
राजा दशरथ कौशल्या, के घर में ख़ुशी,
जब अयोध्या में जन्म, लिया राम ने, चैत्र महीने की वो थी, सुहानी घडी, चैत्र नवमी को जन्म, लिया राम ने, राजा दशरथ कौशल्या,के घर में ख़ुशी, जब अयोध्या मे जन्म,लिया राम ने।