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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam nagri me makan hona chahiye,श्याम नगरी में मकान होना चाहिये,shyam bhajan

श्याम नगरी में मकान होना चाहिये,



मुझको तो बस मेरे श्याम बाबा चाहिए।श्याम नगरी में मकान होना चाहिये, बाबा तेरी नगरी में मकान होना चाहिए।



नर्जल की जगरी मे,दिन बाबा तेरे दर पे से आऊंगा
रोज सुबह शाम तेरे दर्शन पाऊंगा
मुझको तो रोज तेरा दर्शन चाहिये
स्याम नगरी में मकान होना चाहिये,
बाबा तेरी नगरी में मकान होना चाहिये।



हमको तो दिखता है एक ही सपना
बाबा श्याम सपना और बाबा श्याम अपना।श्याम कुंड में नहाकर तेरे दर पे में आऊंगा, जितने किए पाप मैने सब जाऊंगा। मुझको तो बस बाबा चाहियेश्याम नगरी में मकान होना चाहिये,
बाबा तेरी नगरी में मकान होना चाहिये।



ना पैसा लगता है ना खर्चा लगता है, जय जय श्याम नाम बोलिए बढ़ा अच्छा लगता है।

तेरी ही किरपा से बचा से सारा संसार है. इस भक्कों पर भी तो बाबा तेरा आशीर्वाद है। तेरी ही किरपा से मेरा काम होना चाहिए, तेरी ही किरपा से सारे काम होने चाहिए,श्याम नगरी में मकान होना चाहिय।श्याम नगरी में मकान होना चाहिये,



मुझको तो बस मेरे श्याम बाबा चाहिये। श्याम नगरी में मकान होना चाहिये, बाबा तेरी नगरी में मकान होना चाहिये।

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