तर्ज- जब तक साँसें चलेंगी
मेरे सांवलिया सरकार, कबसे खड़ा हूँ मैं तेरे द्वार, नज़रे डालो मेरी सरकार, देख लो ना प्रभु एक बार, जब तक साँसें चलेंगी, तेरे दर पे आऊंगा श्याम, मेरी हर सांस पे तेरा नाम, लिखूंगा में श्याम।
तुझसे लागि है ऐसी लगन, ना देखूं तो जले है ये मन, मैं अधूरा हूँ तेरे बिना, जैसे दिल के बिना धड़कन, जब तक साँसें चलेंगी, तेरे दर पे आऊंगा श्याम, मेरी हर सांस पे तेरा नाम, लिखूंगा।
जाने भटकता कहाँ दर बदर, तूने संभाला मुझे इस कदर, गुमनाम था मैं अंधेरो में श्याम, तूने मुझको दिया अपना नाम, जब तक साँसें चलेंगी, तेरे दर पे आऊंगा श्याम, मेरी हर सांस पे तेरा नाम, लिखूंगा में श्याम।
तू हाटे का सहारा है श्याम, डूबते का किनाटा है श्याम, ‘सोनू अनुराग’ तेरा है श्याम, तेरे दर्शन का प्यासा है श्याम, जब तक साँसें चलेंगी, तेरे दर पे आऊंगा श्याम, मेरी हर सांस पे तेरा नाम, लिखूंगा मैं श्याम।
मेरे सांवलिया सरकार, कबसे खड़ा हूँ मैं तेरे द्वार, नज़रे डालो मेरी सरकार, देख लो ना प्रभु एक बार, जब तक साँसें चलेंगी, तेरे दर पे आऊंगा श्याम, मेरी हर सांस पे तेरा नाम, लिखूंगा में श्याम।