तर्ज – मेरे नैना सावन भादो
मेरे होते क्यों घबराए, काहे को नीर बहाए, श्याम यही समझाए, साथ खड़ा हूँ रक्षक बनके, काहे तू देख ना पाए, श्याम यही समझाए।
सुख दुःख खेल रहे, तुमसे आँख मिचोली, एक सिक्के के ये दो पहलु, आते जाते रहेंगे, रंग दिखाते रहेंगे, मोह माया के इन रंगों में, काहे को तू भरमाए, श्याम यही समझाए।
जीवन जीना पड़ेगा, खुद से लड़ना पड़ेगा, मुश्किल आती हल भी लाती, कुछ तो पाठ पढ़ाती, नित नई राह दिखाती, इस दुनिया की कोई भी ताकत, तुझको हिला ना पाए, श्याम यही समझाए।
मुझपे भरोसा करले, इतनी बात समझ ले, इक इक आंसू तेरा ‘मोहित’, व्यर्थ ना बहने दूंगा, तुझको ना डूबने दूंगा, दिल की बातें कह दे मुझसे, काहे को तू शरमाए, श्याम यही समझाए।
मेरे होते क्यों घबराए, काहे को नीर बहाए, श्याम यही समझाए, साथ खड़ा हूँ रक्षक बनके, काहे तू देख ना पाए, श्याम यही समझाए।