तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का
अगर दीनो का दिल टूटा, तो बदनामी तुम्हारी है, दीनबंधु दीन जन से, सुना यारी तुम्हारी है, अगर दीनों का दिल टूटा, तो बदनामी तुम्हारी है।
दीन की झोली में मोहन, फ़क़्त एक नाम है तेरा, उसी दम पर चला जाता, कहीं तो पायेगा डेरा, तू मालिक है त्रिलोकी का, दास अदना भिखारी है, दीनबंधु दीन जन से, सुना यारी तुम्हारी है, अगर दीनों का दिल टूटा, तो बदनामी तुम्हारी है।
जरा सा गौर कर ले तू, हमारा काम बन जाये तेरे भंडार में दाता, कहो क्या फर्क पड़ जाए, भारी है खान रत्नों से, फटी झोली हमारी है, दीनबंधु दीन जन से, सुना यारी तुम्हारी है, अगर दीनों का दिल टूटा, तो बदनामी तुम्हारी है।
अगर फरियाद सुन लोगे,
तो जीवन हस के गुजरेगा, गुजरने को तो ज्यूँ गुजरी, गुजारा दास कर लेगा, ‘नंदू’ सुनना या ना सुनना, श्याम मर्जी तुम्हारी है, दीनबंधु दीन जन से, सुना यारी तुम्हारी है, अगर दीनों का दिल टूटा, तो बदनामी तुम्हारी है।
अगर दीनो का दिल टूटा, तो बदनामी तुम्हारी है, दीनबंधु दीन जन से, सुना यारी तुम्हारी है, अगर दीनों का दिल टूटा, तो बदनामी तुम्हारी है।