तेरी शरण में आके, मैं धन्य हो गया, जन्मों की प्यास थी जो, मैं सम्पन्न हो गया, तेरी शरण मे आके, मैं धन्य हो गया ।।
कितने गरीब, कितने मिले अमीर यहाँ,दुःख में तड़प रहा था प्रभु,
कितने मिले अमीर यहाँ, कितने गरीब, पर आप मिल गये तो, धनवान हो गया, तेरी शरण मे आके, मैं धन्य हो गया ।।
दुःख में तड़प रहा था प्रभु, मुद्दतों से मैं, दुःख में तड़प रहा था प्रभु, मुद्दतों से मैं, एक आपका सहारा, साकार हो गया, तेरी शरण मे आके, मैं धन्य हो गया ।।
करना कभी ना दूर प्रभु, चरणों से आप, करना कभी ना दूर प्रभु, चरणों से आप, चरणो के ही सहारे, मैं भव पार हो गया, तेरी शरण मे आके, मैं धन्य हो गया ।।
तेरी शरण में आके, मैं धन्य हो गया, जन्मों की प्यास थी जो, मैं सम्पन्न हो गया, तेरी शरण मे आके, मैं धन्य हो गया ।।