मीरा राजघराना छोड़ के, पति बना लिए गोपाल, दर-दर डोले ढूंढती।
मने जमुना जी में टोह लिया। मने दाग जिगर का धो लिया। लगे अमृत जल की धार,दर-दर डोले ढूंढती।
मीरा राजघराना छोड़ के, पति बना लिए गोपाल, दर-दर डोले ढूंढती।
मने कुरुक्षेत्र में टोह लिया।मेरा मन मोहन ने मोह लिया। मेरे उठे विरह की झाल, दर-दर डोले ढूंढती।
मीरा राजघराना छोड़ के, पति बना लिए गोपाल, दर-दर डोले ढूंढती।
फिरू दुनिया भर में ढूंढती।मन नाम तेरा ना भूलती। अब दे दे दरस गोपाल, दर-दर डोले ढूंढती।
मीरा राजघराना छोड़ के, पति बना लिए गोपाल, दर-दर डोले ढूंढती।
मने सारी दुनिया छोड़ के। तेरे से नाता जोड़ के। करूं तेरी में जय जयकार, दर-दर डोले ढूंढती।
मीरा राजघराना छोड़ के, पति बना लिए गोपाल, दर-दर डोले ढूंढती।