माथे पर लगाते हो तुम क्यों पंख मोर का। कुछ राज बता दो अपनी कान्हा प्रेम डोर का।
है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।
करूं कैसे तेरी बात का विश्वास सांवरे। क्या है सबूत सच का तेरे पास सांवरे। यह बात है पुरानी त्रेता के दौर की। बनवास में लगी थी जब प्यास जोर की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 पानी को तलाशा जंगल मैंने चारों और का।है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।
ना झूठ मत कह कर बहकाओ सांवरे। फिर आगे क्या हुआ बतलाओ सांवरे। बन बन भटक रहा में पानी की आस में। उस वक्त मोर आया एक मेरे पास मे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 बोला जलाशय है मगर रास्ता है दूर का। है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।
तो तुमने उस मोर की सच बात मान ली। जाने कि तुमने अब दिल में पक्की ठान ली। मैं बोला मुझे दिखा दो जलाशय का किनारा। ना भूलूंगा कभी यह एहसान में तुम्हारा।🌺🌺🌺🌺🌺 है मुझको याद अब तक था वह वक्त भोर का। है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।
फिर आगे क्या हुआ जरा जल्दी बोलिए। पूरी कहानी होने तक ना वाणी रोकिए। बातों को सुनकर मोर बोला मुझसे वेखटक। रश्ता बड़ा कठिन है जाओगे तुम भटक।🌺🌺🌺🌺🌺 पहचान को मैं जाऊंगा बस पंख छोड़कर। है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।
फिर आपसे उस मोर ने जो बात कही है श्याम। आगे घटी क्या घटना बतलाओ सही और श्याम। कहकर कि इतना मोर ने नभ में भरी उड़ान। पंखों को डाल रश्ते की देता गया पहचान।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 वह ऊपर और मैं नीचे जाता था दौड़ता। है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।
पूरी कहानी सुनने को बेताब है जिगर। बेचैनी मत बढ़ाइए वाणी को रोककर। जब मोर के पंखों का सारा झुंड झड़ गया। बेहोश होकर मोर भी धरती पर पड़ गया। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 आघात मेरे दिल को लगा बहुत जोर का। है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।
क्यों मोर पंख छोड़ कर बेहोश हो गया। क्यों उड़ते उड़ते मोर अपना होश खो गया। गिरते हैं पंख मोर के मौसम विशेष में। मौसम विरोध हो जाता मृत्यु के दौर में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मौसम के ऊपर चलता ना बस जोर और का। है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।
क्या मोर ने कहा था मरते समय प्रभु। दुख कितना और सहा था मरते समय प्रभु। अंतिम क्षणों में मोर ने रो करके यह कहा। तुम को दिखाकर रश्ता मैं तो धन्य हो गया।🌺🌺🌺🌺🌺 तुम तोडना ना रिश्ता मेरी प्रेम डोर का।है पिछले जन्म का कर्जा मुझ पर एक मोर का। इसीलिए लगाता माथे पंख मोर का।