तर्ज – है राधा नाम आधार
ऐ श्याम तेरा दरबार,बड़ा प्यारा लागे,
मैं भूल गई संसार,मैं भूल गई संसार, बड़ा प्यारा लागे,ऐ श्याम तेंरा दरबार, बड़ा प्यारा लागे।।
जितने भी रिश्ते नाते, झूठे लगते सारे है, हम सब प्रेमी बाबा,तेरे ही सहारे है, तूने इतना दिया है प्यार, तूने इतना दिया है प्यार, ऐ श्याम तेंरा दरबार,बड़ा प्यारा लागे,बड़ा प्यारा लागे ।।
कर्ज तेरे मैं बाबा, कैसे चुकाऊँगी, खुद मैं भूलूँ तुझको, भूल नहीं पाउंगी, अब तू ही मेरा परिवार, अब तू ही मेरा परिवार, बड़ा प्यारा लागे, ऐ श्याम तेंरा दरबार, बड़ा प्यारा लागे ।।
जब भी जनम लूँ बाबा, गुण तेरे गाउँ मैं, भजनों से तेरे बाबा, तुझको रिझाऊँ मैं, यूँ ही आती रहूं दरबार, यूँ ही आती रहूं दरबार, बड़ा प्यारा लागे,
ऐ श्याम तेरा दरबार, बड़ा प्यारा लागे ।।
धन और दौलत बाबा, मेरे किस काम की, ‘अनुज’ को लगन है बाबा, बस तेरे नाम की, तूने इतने किए उपकार, तूने इतने किए उपकार, बड़ा प्यारा लागे, ऐ श्याम तेंरा दरबार, बड़ा प्यारा लागे ।।
बड़ा प्यारा लागे, मैं भूल गई संसार,
ऐ श्याम तेरा दरबार, मैं भूल गई संसार, बड़ा प्यारा लागे, ऐ श्याम तेरा दरबार, बड़ा प्यारा लागे ।