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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Shiv thari jay bolo,सरस्वती माता शारदा ने सिमरु, गुणपत लागू पाय,shiv bhajan

सरस्वती माता शारदा ने सिमरु, गुणपत लागू पाय,

सरस्वती माता शारदा ने सिमरु, गुणपत लागू पाय,शिव थारी जय बोलो, हारे शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ॥



कमलनाथ रा मोटा रे मगरा,बीच में गंगा खलके ओ, गंगा रे किनारे वटे शिव रो वासो रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ॥

आजु रे बाजु री गऊवा चरवा, आवे कमलनाथ रा मगरा में, शिव जी रे वारो नांदीयो, गऊआ ने धावे रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप थोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ॥



ओछी बुद्धि रा ग्वाल बाल वटे, ओछी बात विचारी रे, शिव जी रे वारो नांदीयो रे, कराडो मारीयो रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ॥

पुरब दिशा में पार्वती जी, पश्चिम दिशा में शिव जी रे, लंकाऊ दिशा में रावण बेठो, शोभा भारी रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ।।



रावण टुक वटे हवन कुंड वटे, रावण पुजा करतो रे, एक फुल रे कारणे वटे, शिश चडायो रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ।।

वासवारी रा तलाब माइने, रावण कमल बोया रे, कमल रे फुलडा सु रावण, पुजा करतो रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ।।



राणा प्रताप री यादगार मे, बंधायो तलाव रे, हाथी रे खम्बा रे वटे, मोटो वडलो रे. ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ।।

काना में थारे कुंडल सोहे, गला में रुण्ड री माला रे, गोरा रे अंग पर नाग बिराजे, शोभा भारी रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ।।



वैसाखी पुनम रौ मेलो भरावे, आवे नर और नारी रे, कमलनाथ रा दर्शण करता, हीवडो हरसे रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ।।

राम पुरी जी वटे ध्यान लगायो, चरणा में शिश नमावे रे, कमलनाथ री शोभा देखेन, भजन बणायो रे, ओ शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ।।



सरस्वती माता शारदा ने सिमरु, गुणपत लागू पाय, शिव थारी जय बोलो, हारे शिव थारी जय बोलों, रे भाया जनम जनम रा, पाप धोयलो रे, ओ शिव थारी जय बोलों ।।

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