जय जयकार बुलाऊँ तेरी, जय हो शीश के दानी।
झूम झूम, मोर बन,
‘झूम झूम नाचूँ साँवरे, बन के तेरी मैं दीवानी’
तेरे नाम वाली चुनर,ओढ़ी मैंने साँवरे।
रंग तेरा चढ़ गया ऐसा, हुए हम तो बाँवरे।
‘श्याम नाम का सिमरन करके, मीरा हुई दीवानी।
झूम झूम, मोर बन,
‘झूम झूम नाचूँ साँवरे, बन के तेरी मैं दीवानी।
मस्ती तेरे नाम वाली,भक्तों ने चढ़ाई है।
पी के तेरे नाम का प्याला,सुध बिसराई है।
‘तेरी किरपा श्याम साँवरे , होती बड़ी नूरानी,
झूम झूम, मोर बन,
‘झूम झूम नाचूँ साँवरे, बन के तेरी मैं दीवानी।
श्याम सरकार तेरी,महिमा निराली है।
तेरे दर पे जो भी आए,जाता न वोह ख़ाली है।
‘श्याम धनी दातार मेरे, तुम ही शीश के दानी,
झूम झूम, मोर बन,
‘झूम झूम नाचूँ साँवरे, बन के तेरी मैं दीवानी।
जय जयकार बुलाऊँ तेरी, जय हो शीश के दानी,
झूम झूम, मोर बन,
‘झूम झूम नाचूँ साँवरे, बन के तेरी मैं दीवानी।