तर्ज – उज्जैन नगरी देखो रे भैया
हिमालय नगरी देखो रे भैया, शम्भू दुनिया में मशहूर है।
शम्भू दुनिया में मशहूर है, कैलाशो के राजा,
जब देखा कैलाश में शिव की, छवि सदा ही पाई है, स्वर्ग छोड़कर गंगा मैया, शिव की जटा में आई है, शिव जी के चंदा से बिखरता, शिव जी के चंदा से बिखरता, हिमालयों में नूर है, कैलाशो के राजा,शम्भू दुनिया में मशहूर है, कैलाशो के राजा,शम्भू दुनिया में मशहूर है।
यहाँ पर उड़ते बादलों में, शिव की झलक दिख जाती है, यहाँ पर कुदरत पारवती, मैया सा लाड़ लड़ाती है, माता पिता के ऐसे प्यार से, माता पिता के ऐसे प्यार से, अब तक क्यों दूर है, कैलाशो के राजा, शम्भू दुनिया में मशहूर है, कैलाशो के राजा, शम्भू दुनिया में मशहूर है।
तूने राज काज सब त्याग दिया, तूने तन में शिव को व्याप लिया, बनकर महारानी कैलाश की, तूने शिव के घर में वास किया, गौरा शिव की अमर कहानी, गौरा शिव की अमर कहानी, घर घर में मशहूर है,कैलाशो के राजा, शम्भू दुनिया में मशहूर है, कैलाशो के राजा, शम्भू दुनिया में मशहूर है ।।
हिमालय नगरी देखो रे भैया, शम्भू दुनिया में मशहूर है।
शम्भू दुनिया में मशहूर है, कैलाशो के राजा,