तर्ज – आए हो मेरी जिंदगी में
तेरी कृपा से बाबा,
जीवन संवर रहा है, बिन बोले ही तू मेरा,
हर काम कर रहा है, तेरी कृपां से बाबा, जीवन संवर रहा है।
वीरान था ये जीवन, हर ओर बेबसी थी, ग़म से थी मेरी यारी, रूठी सी हर ख़ुशी थी, बेरंग ज़िन्दगी में, तू रंग भर रहा है, बिन बोले ही तू मेरा, हर काम कर रहा है, तेरी कृपां से बाबा, जीवन संवर रहा है ।।
अब गैर भी अपनों सा, व्यवहार कर रहे है, आँखें चुराने वाले, मुझे प्यार कर रहे है, ऊँगली पकड़ के जबसे, तू साथ चल रहा है, बिन बोले ही तू मेरा, हर काम कर रहा है, तेरी कृपां से बाबा, जीवन संवर रहा है।
जिस दिन से मैंने पायी, है श्याम तेरी चौखट, किस्मत भी धीरे धीरे, लेने लगी है करवट, बिगड़ा हुआ नसीबा, मेरा निखर रहा है, बिन बोले ही तू मेरा, हर काम कर रहा है, तेरी कृपां से बाबा, जीवन संवर रहा है।
होने लगी है मुझपे, तेरी दया की बारिश, सच हो रही है मेरे, जीवन की सारी ख्वाहिश, तेरी रहमतों से ‘माधव’, आगे ही बढ़ रहा है, बिन बोले ही तू मेरा, हर काम कर रहा है, तेरी कृपां से बाबा, जीवन संवर रहा है।
तेरी कृपा से बाबा,
जीवन संवर रहा है, बिन बोले ही तू मेरा,
हर काम कर रहा है, तेरी कृपां से बाबा, जीवन संवर रहा है।