तर्ज,तेरी आंख्या का ये काजल
आज बड़ो ही शुभ दिन आयो। मेरे आंगन उत्सव छायो। हनुमान जयंती आई, सब नाचे लोग लुगाई। आओ मिलकर झूमो नाचो हर्ष मनाओ रे। बालाजी घर में आया धूम मचाओ रे।
रतन सिंहासन सोहे थारे छात्र हजारी जी। माणक मोत्यां से जड़यो है थारो मुकुट तिहारो जी। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺देखी जो सूरत थारी, खिल गई मारी मन की डाली। महिमा में गांवा थारी, और ज्योति जगावा़ थारी।आओ मिलकर झूमो नाचो हर्ष मनाओ रे। बालाजी घर में आया धूम मचाओ रे।
आज बड़ो ही शुभ दिन आयो। मेरे आंगन उत्सव छायो। हनुमान जयंती आई, सब नाचे लोग लुगाई। आओ मिलकर झूमो नाचो हर्ष मनाओ रे। बालाजी घर में आया धूम मचाओ रे।
लाल लंगोटो थारे कान् में बाली जी। मुखड़ो चमके है जैयां सूरज की लाली जी। दुनिया दर्शन ने आवे। मंगल कथा ही गावे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 थांपे वारां महे लून राई। घर-घर में बटत बधाई।आओ मिलकर झूमो नाचो हर्ष मनाओ रे। बालाजी घर में आया धूम मचाओ रे।
आज बड़ो ही शुभ दिन आयो। मेरे आंगन उत्सव छायो। हनुमान जयंती आई, सब नाचे लोग लुगाई। आओ मिलकर झूमो नाचो हर्ष मनाओ रे। बालाजी घर में आया धूम मचाओ रे।