तुम तो बोले करो तपस्या लेते नहीं खबरिया रे। बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया रे।बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया।
गर्मी सर्दी बारिश भोले सहन बहुत मैंने कर ली। भूत और प्रेत बिच्छू तताइए, डर डर के में मर ली। तुम तो बोले 80 बरस के बाली है मोरी उमरिया रे। बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया
तुम तो बोले करो तपस्या लेते नहीं खबरिया रे। बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया रे।बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया।
इतनी सुनकर शिव शंकर ने विश्वकर्मा बुलाए।सोने के सुंदर महल बनाए,सोने के कलश धराये।सोने के झांकी और झांके सोने के किवडिया रे।बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया।
तुम तो बोले करो तपस्या लेते नहीं खबरिया रे। बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया रे।बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया।
रंग महल में शिव और गोरा रहने को जब आए।रावण जैसे ज्ञानी पंडित पूजन को बुलवाए।गुरु दक्षिणा में दे दो हमको भोले नई अटरिया रे।बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया।
तुम तो बोले करो तपस्या लेते नहीं खबरिया रे। बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया रे।बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया।
आए करोड़ों देवी देवता भोले के मेहमान। जैसा था वैसा ही महल रावण ने मांगा दान।सभी देवता कैदी बन गए,लंका बनी अटरिया रे।बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया।
तुम तो बोले करो तपस्या लेते नहीं खबरिया रे। बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया रे।बनवा दो भोले सोने की एक अटरिया।