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राम भजन लिरिक्स

Vidhata ajab likhi takdir hona tha abhisek ram ka van ko gaye raghuveer,विधाता अजब लिखी तकदीर, होना था अभिषेक राम का, वन को गए रघुवीर,ram bhajan

विधाता अजब लिखी तकदीर, होना था अभिषेक राम का, वन को गए रघुवीर,



तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार

विधाता अजब लिखी तकदीर, होना था अभिषेक राम का, वन को गए रघुवीर, विधाता अजब लिखी तक़दीर ।



हरिश्चंद्र था दानी दाता, खाली ना कोई द्वार से जाता, किस्मत ने क्या खेल रचाया, बन गए आज फकीर, विधाता अजब लिखी तक़दीर ।



नीर भरण सरवण जब पहुंचे, लागा तीर प्राण जब छूटे, अंत समय में मात पिता को, पिला सका ना नीर, विधाता अजब लिखी तक़दीर ।

द्रोपदी पांच पतिन की नारी, सबने गर्दन नीचे डारी, भरी सभा में लाज उतारी, कृष्ण बढ़ा रहे चीर, विधाता अजब लिखी तक़दीर ।



विधाता अजब लिखी तकदीर, होना था अभिषेक राम का, वन को गए रघुवीर, विधाता अजब लिखी तक़दीर ।

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