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श्याम भजन लिरिक्स

Naubat baaj rahe dware pe bhawan pe nach rahe nar nari,नौबत बाज रहे द्वारे पे,भवन पे नाँच रहे नर नारी,shyam bhajan

नौबत बाज रहे द्वारे पे,
भवन पे नाँच रहे नर नारी,


बोलो खाटू नरेश की जय,
नौबत बाज रहे द्वारे पे,
भवन पे नाँच रहे नर नारी,
आयो मेलो फागुन को भाई,
जिसकी शोभा है बड़ी न्यारी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे।



ये मेला श्याम धनी का प्यारा,
वो है सबका लखदातार,
सबके करता वारे न्यारे,
लीला इसकी है बड़ी न्यारी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे।



श्याम कुंड में भगत नहाते,
मन चाहा बाबा से पाते,
छपन भोग लगा के मनाते,
ये ही तीन बाण के धारी ,
नौबत बाज रहे द्वारे पे।



भक्तो ने है शीश निभाए,
मोरछड़ी से दुःख मिटवाए,
हारे का है येही सहारा,
इसकी महिमा है बड़ी बाहरी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे।



नौबत बाज रहे द्वारे पे,
भवन पे नाँच रहे नर नारी,
आयो मेलो फागुन को भाई,
जिसकी शोभा है बड़ी न्यारी,
नौबत बाज रहे द्वारे पे।

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