तर्ज – कौन दिशा में
धूम मची है आया, बालाजी का उत्सव, झूमे सारा संसार, देखो नर और नार, सारे नाच रहे, धूम मची हैं आया, बालाजी का उत्सव।
चैत सुदी पूनम दिन आया, झूम रहा संसार हो, माँ अंजनी के घर आँगन में, गूंज रही किलकार हो, गोद लिए माँ लाल को अपने, निरखे बारम्बार हो, हौले हौले कपि को, झुलावे मैया पलना, झूमे सारा संसार, देखो नर और नार, सारे नाच रहे,
डम डम ढोल नगाड़े बाजे, घर घर बाजे थाल हो, चांदी के पलने में झूले, माँ अंजनी का लाल हो, राम प्रभु का सेवक प्यारा, दुष्टों का ये काल हो, आज खिली है माता, अंजनी की बगिया, बाबा लिए अवतार, छाई खुशियाँ अपार, सारे नाच रहे, धूम मची हैं आया, बालाजी का उत्सव।
भक्तो का रखवाला है ये, राम का सेवक ख़ास हो, शरणागत को मेरा बाबा, करता नहीं निराश हो, हाथ दया का रखना बाबा, ‘हर्ष’ करे अरदास हो, आज लगा है देखो, भक्तो का मेला,
झूमे सारा संसार, देखो नर और नार, सारे नाच रहे, धूम मची हैं आया, बालाजी का उत्सव
धूम मची है आया, बालाजी का उत्सव, झूमे सारा संसार, देखो नर और नार, सारे नाच रहे