पता नहीं कैसे लग जाती है खबर। श्याम चले आते हैं भक्तों के घर।
भक्तों का दिल श्याम तोड़ते नही।घर भक्तों का कभी छोड़ते नहीं। भक्तों पर रहती है श्याम की नजर।श्याम चले आते हैं भक्तों के घर।
पता नहीं कैसे लग जाती है खबर। श्याम चले आते हैं भक्तों के घर।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।
पता नहीं कैसे लग जाती है खबर। श्याम चले आते हैं भक्तों के घर।
खोज लिया ढूंढ लिया सारा जहां। भक्तों के घर मिले पाव के निशा।भक्तों पर रहती है श्याम की नजर।श्याम चले आते हैं भक्तों के घर।
पता नहीं कैसे लग जाती है खबर। श्याम चले आते हैं भक्तों के घर।
आज नंद के लाला को दिल से मनाएंगे। नाचेंगे झूम-झूम सबको नचाएंगे।आज नंद के लाला को दिल से मनाएंगे। नाचेंगे झूम-झूम सबको नचाएंगे।
पता नहीं कैसे लग जाती है खबर। श्याम चले आते हैं भक्तों के घर।