मेरो ले गयो चैन चुराए नंद को नंदलालो।नंद को नंदलालो,नंद को नंदलालो।मेरो ले गयो चैन चुराए नंद को नंदलालो।
सपने में मने रोज सतावे खेले आंख मिचौली।लहंगा पहना चुनरी ओढ़ी,बन गया नार नवेली। वह तो मीठी मीठी करे है बात,नंद को नंदलालो।मेरो ले गयो चैन चुराए नंद को नंदलालो।
एक दिन आने जुलम गुजारे बैयां मेरी झटकी। मैं दही बेचन मथुरा जा रही भरी हुई थी मटकी। यह तो बैठा था लगाकर घात,नंद को नंदलालो।मेरो ले गयो चैन चुराए नंद को नंदलालो।
जब मैं कहीं अकेली जाऊं करता है मनमानी। सास ननंद को रोज सीखावे राड करण की ठानी। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺याके ना है जमी कोई जात,नंद को नंदलालो।मेरो ले गयो चैन चुराए नंद को नंदलालो।
या कान्हा ने मोपे जाने कैसा कर दिया टोना।जबतक ना देखूं याकि सूरत मोहे चैन ना पड़ना।करूं याद में तो दिन रात,नंद को नंदलालो।मेरो ले गयो चैन चुराए नंद को नंदलालो।
मेरो ले गयो चैन चुराए नंद को नंदलालो।नंद को नंदलालो,नंद को नंदलालो।मेरो ले गयो चैन चुराए नंद को नंदलालो।