जग दाती पहाड़ों वाली मां
मेरी बिगड़ी बनाने आ जाओ,
मेरा, और सहारा कोई ना
मेरी लाज बचाने आ जाओ,
जग दाती पहाड़ों वाली मां।
मैं निर्बल, निर्धन दीन बड़ा,
मैं घिर गया, गम के घेरों में,
मां ज्योति रुपा, भय हरनी,
कहीं डूब ना जाऊं, अंधेरों में,
कमजोर हूँ, मैं मईया,
मेरी चिंता मिटाने आ जाओ,
जग दाती पहाड़ों वाली मां।
तेरे भरे हुए, भंडार है माँ,
मोहताज मैं, दाने दाने का,
तेरे होते हुए, दिल कांप रहा,
तेरे द्वार के, इस दीवाने का,
मेरी नाव, भंवर में फंसी,
इसे पार लगाने आ जाओ,
जग दाती पहाड़ों वाली मां।
कहीं एक, गरीब की कुटिया ना,
लोगों की नजर से गिर जाए,
विश्वास के, रंगों पर मईया,
कहीं पानी ही ना फिर जाए,
क्या करूं, कुछ सूझे ना,
कोई राह दिखाने आ जाओ,
जग दाती पहाड़ों वाली मां।
जग दाती पहाड़ों वाली मां
मेरी बिगड़ी बनाने आ जाओ,
मेरा, और सहारा कोई ना
मेरी लाज बचाने आ जाओ,
जग दाती पहाड़ों वाली मां।