तर्ज,दो पल की जिंदगानी
अब थाम लो कन्हैया ये हाथ तुम हमारा। आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।
मेरा ना कोई साथी अपना मुझे बना लो। रोया बहुत हूं बाबा तुम ही गले लगा लो। साथी बनो ना मेरा दे दो मुझे सहारा।आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।
अब थाम लो कन्हैया ये हाथ तुम हमारा। आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।
तुम ना सुनो तो मेरी जाकर किसे बताऊं। आंसू यह मेरे बाबा जाकर कहां चढ़ाऊं। कैसे रुकेगी बाबा आंखों की अश्रु धारा। आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।
अब थाम लो कन्हैया ये हाथ तुम हमारा। आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।
पापी हूं मानता हूं अज्ञानी हूं प्रभु वर। तेरी शरण में आया अपराध को क्षमा कर। चलता है दर से तेरे हम जैसों का गुजारा। आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।
अब थाम लो कन्हैया ये हाथ तुम हमारा। आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।
करुना कि तुम हो सागर करुणा जरा दिखाओ। आशीर्वाद अपना थोड़ा सा तुम भी लुटाओ।हारे हुओ का बाबा तुम ही बनो सहारा।आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।
अब थाम लो कन्हैया ये हाथ तुम हमारा। आया शरण में तेरी हो करके बेसहारा।