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Vrindavan ke krishna kanhaiya barsane ki ghodi rang barsego,वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो,shadi geet

वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

किसने बुलाई घोड़ी,किसने सजाई,किसके कारण आई।रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

दादा ने बुलाई घोड़ी दादी ने सजाई। बने के कारण आई,रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

ताऊ ने बुलाई घोड़ी ताई ने सजाई। बने के कारण आई,रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

पापा ने बुलाई घोड़ी मम्मी ने सजाई। बने के कारण आई,रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

चाचा ने बुलाई घोड़ी चाची ने सजाई। बने के कारण आई,रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

मामा ने बुलाई घोड़ी मामी ने सजाई। बने के कारण आई,रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

नाना ने बुलाई घोड़ी नानीने सजाई। बने के कारण आई,रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

दीदी ने बुलाई घोड़ी जीजा ने सजाई। बने के कारण आई,रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

फूफा ने बुलाई घोड़ी भुवा ने सजाई। बने के कारण आई,रंग बरसेगो।वृंदावन के कृष्ण कन्हैया,बरसाने की घोड़ी,रंग बरसेगो।

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