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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Shiv parvati ke sath padan lagi hare hare padan lagi bhawariya,शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया,shiv bhajan

शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।

शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।



पहली भावर कैसे होए पंडित नहीं है कोई। शंकर जी तब सोचन लागे रावण को लियो बुलवा,पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।



दुजी भांवर कैसे होए एक पुरुष दो नार। शंकर जी तब कहने लगे गंगा को देयो उतार,पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।



तीजी भंवर कैसे हो ए मात-पिता ना कोई। शंकर जी तब सोच ना लागे ब्रह्मा को ले ओ बुलाये,पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।



चौथी भावर कैसे होए दो पुरुष एक नार। भोले जी तब सोचने लगे चंदा को लियो है उतार,पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।



पांचवी भावर कैसे होए कोई बराती नाय।
शंकर जी तब कहने लगे भूतों को लेओ बुलाए।पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।



छटवीं भावर कैसे हुए कोई सवारी नाए। शंकर जी तब कहने लागे नंदी को लियो बुलवाये।पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।



सातवीं भांवर कैसे हुए बाजा गाजा नाएं। शंकर जी जब कहने लगे डमरू को देव बजाये।पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।शिव पार्वती के साथ पडन लागी हरे हरे पड़न लगी भंवरिया।

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