तर्ज,दो हंसो का जोड़ा
रूप मैया का दिल में उतर गयो रे। मेरा जीवन संवर के निखर गयो रे।
मन मेरा चाहे तेरा गुण गाना। संग में रहो तुम घर मेरे आना। छोटी सी झोपड़ी को मंदिर बनाना।हाथ जो मैया ने सिर पे रख दियो रे।मेरा जीवन संवर के निखर गयो रे।
रूप मैया का दिल में उतर गयो रे। मेरा जीवन संवर के निखर गयो रे।
जग की माया ने बड़ा उलझाया।भक्ति में पाप करम आड़े आया।माया ने नेकी पे चलाए दियो रे।मेरा जीवन संवर के निखर गयो रे।
रूप मैया का दिल में उतर गयो रे। मेरा जीवन संवर के निखर गयो रे।
तेरी राहों में मैया पलके बिछाई।पलके बिछाई मैया कलियां बिछाई।सावन भादो से नैना बरस गयो रे।मेरा जीवन संवर के निखर गयो रे।
रूप मैया का दिल में उतर गयो रे। मेरा जीवन संवर के निखर गयो रे।