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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Kanha ne mori matki hai fodi,कान्हा ने मोरी मटकी है फोड़ीमटकी है फूटी रज धारा बहीआ रा सा रा पी गयो दही,krishna bhajan

कान्हा ने मोरी मटकी है फोड़ी
मटकी है फूटी रज धारा बही
आ रा सा रा पी गयो दही।

कान्हा ने मोरी मटकी है फोड़ी
मटकी है फूटी रज धारा बही
आ रा सा रा पी गयो दही।



पूछे यशोदा कैसे चोरी है की नी,
छीके धरी मटकी को कैसी छीनी,
मेरो तो लाला वारो नैनं को तारो तारो
तेरे से ज्यादा है मेरो दही
आ रा सा रा पी गयो दही।

कान्हा ने मोरी मटकी है फोड़ी
मटकी है फूटी रज धारा बही
आ रा सा रा पी गयो दही।



टोली ग्वाल बालो की संग में ले आवे,
आधो है खावे और आधो गिरावे
छिके पे धर के हेठ बाँध करके मटकी में देखो ये मारे छड़ी
आ रा सा रा पी गयो दही।

कान्हा ने मोरी मटकी है फोड़ी
मटकी है फूटी रज धारा बही
आ रा सा रा पी गयो दही।



इक दिन गए श्याम गोपी के घर को,
चोरी करते पकड़े गए गोपी के घर सो
गोपी सो केह रहे आंसू है बेह रहे
चोरी न करू मेरी मानो कही
आ रा सा रा पी गयो दही।

कान्हा ने मोरी मटकी है फोड़ी
मटकी है फूटी रज धारा बही
आ रा सा रा पी गयो दही।

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