सपने मे मेरे सांवरा आता कभी कभी
सहलाते अपने हाथ मेरे मस्तक कभी कभी।
क्या सोचता है बावरे जब मै हूं तेरे साथ
डरने की कोई बात नही जानू मै सारी बात
आती है तेरे जीवन मे बंधन कभी कभी।।सपने मे मेरे सांवरा आता कभी कभी
सहलाते अपने हाथ मेरे मस्तक कभी कभी।
भरोसा है मुझको श्याम पे छोङू ना तेरा साथ
कहीं गिर न जाऊं जीवन मे थामे है मेरा हाथ
मन मे बसी है श्याम की सूरत अभी अभी।।सपने मे मेरे सांवरा आता कभी कभी
सहलाते अपने हाथ मेरे मस्तक कभी कभी।
जब तक रहूं मै सांवरा, करता रहूं भजन
किरपा तेरी बनी रहे, नतमस्तक तेरी शरण
जब भी बुलाऊं सावरां, देखूं तेरी छवी।।सपने मे मेरे सांवरा आता कभी कभी
सहलाते अपने हाथ मेरे मस्तक कभी कभी।