फ़िल्मी तर्ज – जीता था जिसके लिए
खुशियों से झोली भरी
ज़िंदगी ये संवर सी गई
और कुछ ना तमन्ना मेरी
मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई।
दुनिया थी रूठी हर आस टूटी
कोई ना अपना रहा
कमज़ोर था दिल हर पग पे मुश्किल
कोई ना सपना रहा
बिन पानी मछली सी हालत मेरी हो गई
और कुछ ना तमन्ना मेरी
मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई।
खुशियों से झोली भरी
ज़िंदगी ये संवर सी गई
और कुछ ना तमन्ना मेरी
मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई।
रो रो के सबने हर बात पूछी
पीछे से हँसते रहे
घनघोर ग़म के छाये थे बादल
मुझपे बरसते रहे
तक़दीर की जैसे चाबी मेरी खो गई
और कुछ ना तमन्ना मेरी
मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई।
खुशियों से झोली भरी
ज़िंदगी ये संवर सी गई
और कुछ ना तमन्ना मेरी
मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई।
रेहमत शिखा पे रखना सदा तुम
इतनी से अरदास है
बनकर के साया संग तुम चलोगे
दिल में ये विश्वास है
सोनी की ये ज़िन्दगी अब तेर हो गई
और कुछ ना तमन्ना मेरी
मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई।
खुशियों से झोली भरी
ज़िंदगी ये संवर सी गई
और कुछ ना तमन्ना मेरी
मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई।