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श्याम भजन लिरिक्स

Jabse basi hai dil me mere sawre ki surat,जब से बसी है दिल में,मेरे साँवरे की सूरत,shyam bhajan

जब से बसी है दिल में,
मेरे साँवरे की सूरत,

तर्ज,मुझे इश्क है तुम्ही से

जब से बसी है दिल में,
मेरे साँवरे की सूरत,
अनमोल हो गया हूँ,
मेरी बढ़ गई है क़ीमत।



पहचान मेरी ग़ुम थी,
नहीं कोई जानता था,
मेरे गुणों को जग ये,
अवगुण ही मानता था,
अपनों को भी नहीं थी,
कोई मेरी जरूरत,
अनमोल हो गया हूँ,
मेरी बढ़ गई है क़ीमत,
जब से बसी है दिल में,
मेरे साँवरे की सूरत,
अनमोल हो गया हूँ,
मेरी बढ़ गई है कीमत।



है साँवरे के हाथों,
हर फ़ैसला हमारा,
दिन रात बढ़ रहा है,
अब हौंसला हमारा,
मेरा साँवरा ही मेरी,
सब से बड़ी है दौलत,
अनमोल हो गया हूँ,
मेरी बढ़ गई है क़ीमत,
जब से बसी है दिल में,
मेरे साँवरे की सूरत,
अनमोल हो गया हूँ,
मेरी बढ़ गई है कीमत।



मैं था गवार पहले,
अब श्रेष्ठ बन गया हूँ,
उस सेठ की दया से,
अब सेठ बन गया हूँ,
मेरा साँवरा सलौना,
शुभ लाभ की है मूरत,
अनमोल हो गया हूँ,
मेरी बढ़ गई है क़ीमत,
जब से बसी है दिल में,
मेरे साँवरे की सूरत,
अनमोल हो गया हूँ,
मेरी बढ़ गई है कीमत।

जब से बसी है दिल में,
मेरे साँवरे की सूरत,
अनमोल हो गया हूँ,
मेरी बढ़ गई है क़ीमत।

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