तर्ज – ना कजरे की धार।
जब से मिला दरबार,
मुझे सबसे है मिला प्यार,
खुश है मेरा परिवार,
ये सब तेरे चलते है,
बाबा तेरे चलते है।।
मैं जीत रही हर बाजी,
तेरे चलते श्याम मिजाजी,
मैं जीत रही हर बाजी,
तेरे चलते श्याम मिजाजी,
जो माँगा वो पाया,
जो माँगा वो पाया,
जिसकी मुझको दरकार।
जबसें मिला दरबार,
मुझे सबसे है मिला प्यार,
खुश है मेरा परिवार,
ये सब तेरे चलते है,
बाबा तेरे चलते है।।
मुश्किल चाहे कितनी बड़ी है,
मेरे संग में श्याम धणी है,
मुश्किल चाहे कितनी बड़ी है,
मेरे संग में श्याम धणी है,
बन कर के मेरा माझी,
बन कर के मेरा माझी,
करता नैया को पार।
जबसें मिला दरबार,
मुझे सबसे है मिला प्यार,
खुश है मेरा परिवार,
ये सब तेरे चलते है,
बाबा तेरे चलते है।।
तू ना होता तो क्या करते,
ये सोच के आंसू छलके,
तू ना होता क्या करते,
ये सोच के आंसू छलके,
तूने ‘श्याम’ को अपना के,
तूने ‘श्याम’ को अपना के,
किया बहुत बड़ा उपकार।
जबसें मिला दरबार,
मुझे सबसे है मिला प्यार,
खुश है मेरा परिवार,
ये सब तेरे चलते है,
बाबा तेरे चलते है।।
जब से मिला दरबार,
मुझे सबसे है मिला प्यार,
खुश है मेरा परिवार,
ये सब तेरे चलते है,
बाबा तेरे चलते है।।