दर्शन दे दो अंबे मैया जियरा दर्शन को ललचाय।जियरा दर्शन को ललचाय।जियरा दर्शन को ललचाय।दर्शन दे दो अंबे मैया जियरा दर्शन को ललचाय।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तों पर तब तब लीओ सहाय। मैं दुखियारी शरण तिहारी अखियां नीर बहाए। दर्शन दे दो अंबे मैया जियरा दर्शन को ललचाय।
तु ब्रह्माणी तूं इंद्राणी तुम्हें काली माय। सर्व रूप धरि असुर संहारे, पुलक रहो जग छाए।दर्शन दे दो अंबे मैया जियरा दर्शन को ललचाय।
बड़ी अपार भई जगदंबा दर्शन दियो आए। सिंह पीठ पर बैठ पधारो भक्त रहे हैं बुलाए। दर्शन दे दो अंबे मैया जियरा दर्शन को ललचाय।
खप्पर खड़क त्रिशूल संभालो, शत्रुन देओ संघार। अटल करो सौभाग्य हमारो, करो भक्त उद्धार। दर्शन दे दो अंबे मैया जियरा दर्शन को ललचाय।
दर्शन दे दो अंबे मैया जियरा दर्शन को ललचाय।जियरा दर्शन को ललचाय।जियरा दर्शन को ललचाय।दर्शन दे दो अंबे मैया जियरा दर्शन को ललचाय।